संवेदी आनंद में परम अनुभव करें क्योंकि एक बंधी हुई सुंदरता अपनी इच्छाओं की खोज करती है, उसकी हरकतें केवल उसके संयम से सीमित होती हैं। वह खुद को उत्तेजित करती है और खुश करती है, परमानंद और समर्पण की दुनिया में खो जाती है।.
Copyright © 2024 All rights reserved.
Contacts
עברית | Polski | Română | Svenska | Русский | Français | Deutsch | Español | ह िन ्द ी | Српски | 日本語 | English | Bahasa Indonesia | Türkçe | Nederlands | Slovenščina | Slovenčina | 汉语 | Norsk | ภาษาไทย | 한국어 | Italiano | Suomi | Dansk | Ελληνικά | Čeština | Magyar | Български | الع َر َب ِية. | Bahasa Melayu | Português