एक उमस भरी भारतीय लड़की, उसकी टांगों के बीच के बाल, रसोई में खुद को चिढ़ाती है, उसकी उंगलियां उसकी गीली सिलवटों की खोज करती हैं। वह आत्म-आनंद की एक मास्टर है, उसका शरीर प्रत्येक झटके के साथ कांपता हुआ, परमानंद की अपनी दुनिया में खो गया।.
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